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सतना जिला - विस्तृत अध्ययन



सतना जिला रीवा संभाग के अंतर्गत आता है। 

इसकी सीमा उत्तर में उत्तर प्रदेश के बांदा जिला से लगी हुई है। 

जिले की पूर्वी सीमा रीवा जिले की त्यौंथर, सिरमौर और हुजूर तहसील से तथा सीधी जिले की गोपदबनास तहसील से लगी हुई है।

जिले की सम्पूर्ण पश्चिम सीमा पन्ना जिले 

दक्षिणी सीमा कटनी जिले की मुरवारा 

उमरिया जिले की बांधवगढ़ तहसील 

शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील से लगी हुई है। 

सतना जिला विंध्य पठार पर स्थित है। 

जिले का दक्षिणी भाग नागोद तहसील के जहां ऊंची-नीची पहाड़ियां है। 

चूंद गांव सिथित है जिसे वीर सपूतों का गांव कहा जाता है धन्य है यहाँ की माँ जो वीर लाल को जन्म देती यहाँ का हर व्यक्ति कम से कम 6 फिट की लंबाई ही पाता है इस गांव के सपूत भारतीय सेना में थल जल और वायु तीनो सेना में अपना परचम लहराया है 

आज भी इस गांव के 300 से ज्यादा लोग भारतीय सेना में बड़े बड़े पदों पर भी है इस गांव की एकता 




  • चित्रकूट धाम
  • मां शारदा मंदिरमैहर
  • आल्हा ऊदल अखाड़ा मैहर
  • पौड़ी धाम राम दरबार मैहर
  • तुलसी संग्रहालय, रामवन
  • शिवमंदिर बीरसिंहपुर
  • ग्रिद्धराज पर्वत
  • भरहुत स्तूप
  • वैशनो देवी मंदिर, सतना
  • चोमुख्ननाथ मन्दिर (गन्ज सलेहा) एवं प्राचीन जैन गुफा मंदिर श्रेयांसगिरी
  • नागौद किला
  • राम वन
  • परसमनिया पठार
  • भरजुना देवी
  • भाकुल बाबा
  • कर्द्मेश्वर नाथ
  • बर्मेन्द्र जिला पुस्तकालय (नागौद)
  • साइ मन्दिर
  • पशुपतिनाथ मन्दिर
  • छोटा स्थान सोहावल
  • जवारीनाथ धाम गौरइया
  • कंगालदास बाबा
  • पोटादास धाम गौरइया
  • काली माता मंदिर देवी दाई टोला गौरइया
  • अम्बिका धाम रिमारी
  • सती धाम रिमारी
  • भूतेश्वर नाथ ऊँचेहरा
  • राजा बाबा ऊँचेहरा
  • जैन मंदिर महावीर मार्ग सतना
  • जैन मंदिर नागौद
  • माधवगढ़ किला
  • आर्ट गैलरी ईचौल
  • माँ चन्द्रिका धाम ( )
  • जसो का पुराना किला

सतना जिला ऐतिहासिक रूप से बघेलखंड क्षेत्र में आता है। इस पर रीवा राजघराने का शासन था। बाद में इस पर अंग्रेजी हुकूमत का आधिपत्य हो गया। इनमें मैहर, नागौद. कोठी, जासो, सोहावल और बारौधा और चौबे जागीर में पालदेव, पहरा, तरौन, भैसुंदा और कामता-राजुला थे। बौद्ध धर्म की किताब और महाभारत में भी इसका उल्लेख है। 


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